Sriram की बड़ी बहन: कौशल्या की पुत्री शांता का अद्वितीय रहस्य
प्रस्तावना
Ramayana में हमने Sriram के साथी, भाइयों, और उनकी माताओं के बारे में सुना है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनकी बड़ी बहन शांता भी थी? यह लेख हमें श्रीराम की इस अनछुई बहन के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेगा।
भगवान Ram के परिवार
राजा दशरथ के परिवार में तीनों पत्नियां थीं – कौशल्या, सुमित्रा, और कैकेयी। रानी कौशल्या के अलावा, रानी सुमित्रा और रानी कैकेयी के पुत्र भी थे, जिनमें श्रीराम, लक्ष्मण, शत्रुघ्न, और भरत शामिल थे। लेकिन कौशल्या की एक बेटी भी थी, जिसका नाम था शांता।
शांता का प्रस्ताव
कथाओं के अनुसार, शांता रानी कौशल्या की सुंदर बेटी थी जो कला और शिल्प में पारंगत थी। उनकी सुंदरता और कला में प्रवीणता ने उन्हें अनूठा बना दिया था।
कहानियों का संग्रह
पहली कहानी: गोद लेना
रानी कौशल्या की बहन वर्षिणी ने एक दिन शांता को गोद में लेने का सुझाव दिया था, क्योंकि उन्हें शांता बहुत प्यारी लगी थी। इसके पश्चात्, राजा दशरथ ने अपने वचन के अनुसार शांता को गोद दे दिया, जो एक महत्वपूर्ण किस्से की शुरुआत बनी।
दूसरी कहानी: ऋषि श्रृंग से विवाह
श्रृंगी ऋषि ने पुत्रेष्टि यज्ञ के बाद राजा दशरथ को चार पुत्रों की प्राप्ति की थी, जिसमें भगवान श्रीराम भी शामिल थे। ऋषि श्रृंगी की आशीर्वाद से भगवान राम की बड़ी बहन शांता का विवाह हुआ, जो एक अन्य रोचक कहानी की शुरुआत करती है।
तीसरी कहानी: अकाल और शांता
पौराणिक कथाओं में, जब शांता पैदा हुई, तो इतना भयंकर अकाल हुआ कि धरती 12 सालों तक फल फूल नहीं कर सकी। इसके कारण किसी ने राजा दशरथ को बताया कि इस अकाल का कारण उनकी बेटी शांता है। इस पर राजा दशरथ ने शांता को रानी कौशल्या की बहन को गोद दे दिया, जिससे एक नई रहस्यमयी गतिविधि का आरंभ हुआ।
श्रृंगी ऋषि का मंदिर
पौराणिक कथाओं के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में श्रृंगी ऋषि का मंदिर है जहां उन्हें और शांता को पूजा जाता है। यहां श्रद्धालुओं को भगवान श्रीराम की बड़ी बहन के अद्वितीय संबंध का आनंद लेने का एक शांतिपूर्ण स्थान है।
निष्कर्ष
ये कथाएं हमें दिखाती हैं कि श्रीराम के परिवार में कई रहस्यमयी और रोचक किस्से हैं, जिनमें उनकी बड़ी बहन शांता का भी स्थान है। इन कथाओं के माध्यम से हम भगवान राम के जीवन की और भी नए पहलुओं को जानते हैं, जो हमें उनके गुण और महत्वपूर्ण संदेशों के प्रति अधिक समर्पित करते हैं।