आज के इस तेज़ी से बढ़ते तकनीकी युग में, इन्वर्टर बैटरी एक महत्वपूर्ण उपकरण बन गई है जिसके बिना हमारा दैनिक जीवन सोचने के लिए अधूरा सा लगता है। जब बिजली की कमी होती है, तो यह इन्वर्टर ही हमारे बचाव का काम करता है। हालांकि इन्वर्टर बैटरी का ध्यान रखना भी कुछ महत्वपूर्ण है। इस लेख में, हम आपको बताएंगे कि इनवर्टर बैटरी में पानी डालते समय किन गलतियों से बचना चाहिए, ताकि आपका इनवर्टर बना रहे और दिन-प्रतिदिन की जरूरतों को पूरा कर सके।
1. बैटरी के लेवल की चेक करते रहें
जब आप इनवर्टर बैटरी में पानी डालते हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप बैटरी के लेवल को बराबरी से चेक करते रहें। अगर बैटरी का पानी सूख गया है और आप उसे भर नहीं पाए हैं, तो सावधान रहें क्योंकि यह बैटरी को नुकसान पहुंचा सकता है और आग दुर्घटना का कारण भी बन सकता है। इस्तेमाल के साथ पानी का लेवल कम हो जाता है, इसलिए अगर आप इनवर्टर का इस्तेमाल बार-बार किया जा रहा है, तो हर 45 दिनों में इसे चेक करते रहें।
2. डिस्टिल्ड वाटर का इस्तेमाल करें
इनवर्टर की बैटरी भरने के लिए केवल डिस्टिल्ड वाटर का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। डिस्टिल्ड वाटर में किसी भी प्रकार की अशुद्धियां नहीं होती हैं, जिससे बैटरी की लाइफ बढ़ सकती है। नल के पानी या यहां तक कि आरओ द्वारा शुद्ध किए गए पानी में अभी भी अशुद्धियां या मिनेरल हो सकते हैं जो बैटरी लाइफ को कम कर सकते हैं।
3. ओवरफिल न करें
जैसे कम पानी का लेवल आपके इनवर्टर को नुकसान पहुंचा सकता है, वैसे ही ज़्यादा भरने से इसकी परफॉर्मेंस भी प्रभावित हो सकती है। हर बैटरी पर पानी के लेवल को दिखाने वाले निशान होते हैं। यदि आप ओवरबोर्ड जाते हैं और हरे निशान के ऊपर भरते हैं, तो इससे इनवर्टर का एसिड बहुत अधिक पतला हो सकता है।
4. वायरिंग की निगरानी
इन सेफ्टी टिप्स के अलावा, एक और ज़रूरी चीज़ जिस पर ध्यान देना चाहिए, वो है आपके इनवर्टर की वायरिंग की निगरानी। ख़राब वायरिंग से आग और शॉर्ट सर्किट होने का खतरा रहता है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप इनवर्टर की वायरिंग को समय-समय पर जाँचते रहें और सुनिश्चित करें कि वो सुरक्षित है।
इन सभी उपायों को अपनाकर, आप अपने इनवर्टर बैटरी को बरकरार और सुरक्षित रख सकते हैं। इन गलतियों से बचकर, आप अपने इनवर्टर की उम्र बढ़ा सकते हैं और उसके परफॉर्मेंस को बेहतर बना सकते हैं।