रेलवे स्टेशनों के नए नाम: क्या छिपा है इन नामों के पीछे?

जानिए नए नामों का महत्व

प्रतापगढ़ स्टेशन का नाम – मां बेल्हा देवी धाम प्रतापगढ़ जंक्शन

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ स्टेशन का नाम बदलकर “मां बेल्हा देवी धाम प्रतापगढ़ जंक्शन” हो गया है। यह नाम निरंतरता और धार्मिक महत्व की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। प्रतापगढ़ जंक्शन अब मां बेल्हा देवी के नाम पर स्थित है, जोकि इस स्थान के लिए धार्मिक और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है।

अंतू स्टेशन का नाम – मां चंद्रिका देवी धाम अंतू

अंतू स्टेशन ने भी अपना नाम बदलकर “मां चंद्रिका देवी धाम अंतू” रखा है। इस नए नाम में भी आध्यात्मिक महत्व छिपा है, जो इस स्थल के विशिष्टता को दर्शाता है।

बिशनाथगंज स्टेशन का नाम – शनिदेव धाम बिशनाथगंज

बिशनाथगंज स्टेशन का नाम भी नये धार्मिक महत्व के साथ “शनिदेव धाम बिशनाथगंज” के रूप में बदल गया है। इसके साथ ही इस स्थल के प्राचीन महत्व को और बढ़ा दिया गया है।

नए नामों का महत्व

ये नए नाम न केवल स्थानीय धार्मिक समुदायों के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इन्हें रेलवे स्टेशनों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को भी दर्शाते हैं। यह नामों में धार्मिक भावनाओं को जोड़ने का प्रयास है, जिससे यात्री और दर्शनार्थी इन स्थलों का माहत्म्य और महत्व समझ सकें।

नए नाम के लिए नोटिफिकेशन जारी

रेलवे बोर्ड ने इन नए नामों के लिए आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया है, जिससे ये नाम पूरी तरह से आधिकारिक हो गए हैं। इसके साथ ही केंद्रीय रेल मंत्रालय के सहमति के बाद इन नामों को बदला गया है।

प्रस्तावक कौन थे?

प्रतापगढ़ के सांसद संगम लाल गुप्ता ने इन स्टेशनों के नाम बदलने का प्रस्ताव किया था, जिसे केंद्रीय रेल मंत्रालय ने मंजूरी दी। इसके पीछे इन स्थलों के धार्मिक महत्व को बढ़ावा देने का मकसद था, जो इस नाम बदलाव के साथ पूरा हुआ है।

कुंडा हरनामगंज का नाम बदलने का प्रस्ताव

इसके अलावा, साल 2020 में कौशांबी के सांसद विनोद सोनकर ने कुंडा हरनामगंज रेलवे स्टेशन का नाम “कृपालु महाराज” के नाम पर बदलने का प्रस्ताव दिया था, क्योंकि यह स्थल जगद्गुरु कृपालु महाराज के जन्मस्थान के रूप में महत्वपूर्ण है। यह प्रस्ताव अभी तक मंजूर नहीं हुआ है, लेकिन यह धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।

समापन

यूपी में इन 3 रेलवे स्टेशनों के नामों का बदलाव धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है और यात्री और दर्शनार्थी के लिए इन स्थलों का महत्व प्रमोट करता है। इन नए नामों को आधिकारिक बनाने के बाद, ये स्थल और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गए हैं, और इनकी संरक्षण और सुधार के प्रति सरकार की जिम्मेदारी है।

यहां तीन रेलवे स्टेशनों के नाम के महत्व को और भी स्पष्ट रूप से समझाया गया है, जो इन स्थलों के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को प्रमोट करता है। ये नाम बदलाव उनके ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को भी महत्वपूर्ण बनाते हैं और यात्री को इन स्थलों के महत्व को समझने में मदद करते हैं।

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