पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों की संख्या
हिंदू मंदिरों की संख्या पाकिस्तान में बंटवारे के बाद कमी में आ गई है। आजादी के समय पाकिस्तान में बहुत सारे हिंदू मंदिर थे, लेकिन वर्तमान में उनमें से बहुत सारे तोड़ दिए गए हैं और कुछ को अदूर छोड़ दिया गया है। इसके परिणामस्वरूप, आज हिंदू मंदिरों की संख्या गिर गई है।
शिवाला तेजा सिंह टेंपल – एक अनूठा दर्शनीय स्थल
शिवाला तेजा सिंह टेंपल, जिसे विशेषत: “शिवाला” के नाम से भी जाना जाता है, पाकिस्तान के सियालकोट में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण बड़े बड़े पत्थरों से किया गया है, और इसकी नक्काशी बेहद महत्त्वपूर्ण है। इसके भव्य आकर्षण को देखकर आप तुरंत ही इसके महत्त्व का अंदाजा लगा सकते हैं।
अत्यंत रूप से सुरक्षित
इस मंदिर को 72 सालों तक बंद रखा गया था, लेकिन इसकी दीवारों पर कोई असर नहीं पड़ा था। इसके इतने सालों के बाद भी इसकी स्थिति बेहद मजबूत थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इसे एक अत्यंत शक्तिशाली और महत्त्वपूर्ण स्थल के रूप में रखा गया है।
खुलने की कहानी
इस मंदिर को 2019 में 72 सालों के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने खोलने का आदेश दिया था। इसके बाद से ही मंदिर में फिर से देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित की गई हैं और पूजा-पाठ का आयोजन हो रहा है। मंदिर के खुलने पर वहां के लोग हर हर महादेव के नारे लगाने लगे, जिनकी गूंज दूर तक जाई।
निष्कर्षित समापन
पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों की स्थिति का यह अनूठा उदाहरण है कि संतान धर्म की समृद्धि और महत्त्व को कैसे जीवंत रखा जा सकता है। शिवाला तेजा सिंह टेंपल का खुलना एक महत्त्वपूर्ण कदम है और इसके साथ ही पाकिस्तान के हिंदू समुदाय के लिए एक सामाजिक प्रगति का संकेत है।
इस अद्वितीय मंदिर का दर्शन करने के लिए आपको जरूर यहाँ जाना चाहिए, ताकि आप स्वयं इस महत्त्वपूर्ण स्थल की महिमा को महसूस कर सकें।