दिल छू लेने वाली कहानी: नाबालिग बेटियों का Rape करने वाले पिता का खुलासा, जानिए 50 दिनों तक की गर्भवती की कहानी

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अपनी सहेलियों को भी ले आओ, नाबालिग बेटियों का Rape कर बोलता था पिता; 50 दिनों की निकलीं गर्भवती

सुरक्षित और सावधान: नाबालिग बेटियों के साथ संबंध

पिछले कुछ दिनों में हुए एक घटनाक्रम ने आत्मसमर्पण और अत्याचार की गंभीरता को सामने लाया है, जिसमें एक पिता ने अपनी दो नाबालिग बेटियों के साथ बलात्कार करके उन्हें गर्भवती करने का आरोप लगाया गया है। यह घटना मुंबई के कुरार स्थित हुई और पुलिस ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की है।

पीड़ित बेटियों की दर्दनाक कहानी

दोनों बेटियां, जिनकी उम्र 14 और 13 वर्ष है, ने बताया कि उनके पिता ने पिछले तीन सालों से उन्हें यौन शोषण का शिकार बनाए रखा था। इसके अलावा, छोटी बेटी ने अपने पिता के अत्याचारों का विरोध किया तो उसे बेल्ट से बेरहमी से पीटा गया। इन दर्दनाक घटनाओं के बारे में जानकर हमें गहरा शोक होता है कि एक पिता ने ही अपनी बेटियों के साथ इस प्रकार का अत्याचार किया।

सामाजिक नास्तिकता और चुप्तग्रहण का दौर

इन दर्दनाक घटनाओं का चौंकाने वाला हिस्सा यह है कि लड़कियों ने अपनी कथित आपबीती को दादी और पड़ोसियों को बताया, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। यह सामने आया कि समाज में ऐसे दुर्भाग्यपूर्ण स्थितियों में लोगों की अज्ञानता और चुप्तग्रहण ने पीड़ितों को और भी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा है।

सहारा नहीं मिला, एक एनजीओ की मदद से हुआ खुलासा

शादी के बाद लड़कियों को भी अपने घर छोड़ दिया गया और उन्हें अपनी मौसी ने पांच सालों तक देखभाल किया। लेकिन इसके बाद भी उन्हें सहारा नहीं मिला और आरोपी पिता ने उन पर यौन उत्पीड़न का खौफ बनाए रखा। इस हिंसक रूप से उनकी माता की मौत के बाद, आरोपी पिता ने बच्चियों के साथ यह अमानवीय बर्ताव किया।

आखिरकार, एक एनजीओ की मदद से ही इस दर्दनाक सत्य का पर्दाफाश हुआ। मामले की सूचना पुलिस को पहुंची और उन्होंने आरोपी पिता को सलाखों के पीछे पहुंचाया।

सख्त कार्रवाई: आरोपी पिता को गिरफ्तार

पुलिस ने इस मामले में सख्ती से कार्रवाई की है और आरोपी पिता को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2)(एफ), 376 (2)(एन), 504 और 506 और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम की धारा 4, 6, 8 और 12 के तहत कार्रवाई होगी। इससे साफ होता है कि समाज में ऐसे अमृतसरों को अपने अमानवीय कृत्यों के लिए सख्त सजा मिलेगी।

समापन

इस दुखद घटना से यह साफ होता है कि समाज में नारी सुरक्षा के मुद्दे पर और भी गहरा ध्यान देना चाहिए। हमें इस दिशा में सामाजिक जागरूकता बढ़ानी चाहिए ताकि लोग खुद को सुरक्षित महसूस करें और अपनी बातें बिना किसी चुप्तग्रहण के साझा कर सकें।

इस घटना के साथ हमें यह भी सीखना चाहिए कि आत्मरक्षा की महत्वपूर्णता और समाज में जागरूकता बढ़ाने का समय आ गया है। यह आलेख उन लोगों के लिए है जो नारी सुरक्षा के मुद्दे पर जागरूक होना चाहते हैं और समाज में इस पर चर्चा को बढ़ाना चाहते हैं।

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