हमास हमले से जीता जीवन
किबुत्ज़ सूफा, इज़रायल के दक्षिणी हिस्से में स्थित एक छोटे से संगठन का नाम है, जिसकी जिन्दगी ने हमास के हमले के बाद एक नई दिशा में बदल दी. इस लेख में, हम देखेंगे कि कैसे इस हमले के बाद किबुत्ज़ सूफा के निवासी ने अपने जीवन को बचाया और उनके अनुभवों को साझा किया.
हमले का आगमन
6.30 बजे सुबह, शनिवार की सुबह, सायरन बजने के साथ ही किबुत्ज़ सूफा के निवासी शेरोन एल्डरन और उनके परिवार के पांच सदस्यों का जीवन बदल गया. हमास के हमले का आगमन हुआ था, और इसके बाद की घड़ियां काफी चिंता से भरी थी.
घर में सुरक्षा की क़दम
इस हमले के आगमन के बाद, एल्डरॉन और उनके परिवार ने तुरंत एक सुरक्षित कमरे में छिप जाने का फैसला किया. वे जानते थे कि वे अपने और अपने परिवार के जीवन को बचाने के लिए इस सदियों पुराने प्राथमिकता के निर्देशों का पालन कर रहे थे.
धूप और बर्फ के बीच सुरक्षा का अहसास
एक सुरक्षित घर में 24 घंटे बिताना कोई आसान काम नहीं था. यहाँ, बम शेल्टर बनाए जाते हैं, जो केवल सुरक्षा के लिए होते हैं, जिसमें कोई आपातकालीन स्थिति में लोग शरण लेते हैं. इस समय, यह सबकुछ मायूसी और डर के बीच हुआ.
सुरक्षा की ज़रुरत
एल्डरॉन ने कहा, “यदि आप बाहर के आतंकवादियों को जान जाते हैं कि आप और आपका परिवार यहाँ छिपे हैं, तो वे आपको मार डालेंगे. वे आपके बच्चों, आपके कुत्तों और लगभग हर किसी को भी मार डालेंगे.”
जीवन की मुश्किल चुनौतियों का सामना
हमास के हमले के बाद, किबुत्ज़ सूफा के निवासियों के लिए जीवन की चुनौतियाँ बढ़ गईं. एल्डरॉन की बहन ओफ़र और उनके दो बच्चे सहर (16) और इरेज़ (12) लापता हो गए. उन्हें आशंका है कि हमास द्वारा पकड़ लिए गए हो सकते हैं.
अज्ञात की ओर
इसके बाद, ओफ़र और उनके बच्चों ने अपने करीबियों को एक मैसेज भेजा, जिसमें कहा गया कि “आतंकवादी उनके बेहद करीब हैं.” इस समय, उन्हें सिर्फ अज्ञात की ओर जानकारी थी.
उम्मीद की ओर
एल्डरॉन और उनके परिवार के लिए अब सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उनके लापता परिवार के सदस्य कहां हैं और कैसे वे सुरक्षित रह सकते हैं. वे यही चाहते हैं कि उनका परिवार सुरक्षित हो और वे फिर से अपने घर में वापस आ सकें.
अंत में
इस घड़ीयों की चुनौती से भरपूर जीवन के बावजूद, किबुत्ज़ सूफा के निवासी अपनी उम्मीद नहीं हार रहे हैं. इन्होंने कहा, “हमें यह सोचना बंद करना होगा कि आगे क्या होने वाला है. मेरे पास कोई घर नहीं है, मेरे पास मेरे कपड़े हैं और बस इतना ही.”
आखिरी शब्द
किबुत्ज़ सूफा के लोगों की इस मुश्किल चुनौती के बावजूद, वे आशंकित हैं कि उनका परिवार सुरक्षित होगा और वे अपने लोकप्रियता को वापस पा सकेंगे. उनकी कड़ी मेहनत और संकल्प इस दुर्भाग्यपूर्ण समय में उन्हें मजबूती से आगे बढ़ने में मदद करेगी.