चीन जाने का भी बना रहे प्लान
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का गुरुवार को किर्गिस्तान पहुंचना अद्वितीय और महत्वपूर्ण घटना थी, जो ICC द्वारा उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट के बाद हुई। इस घटना ने न केवल रूसी राजनीति को हिला दिया, बल्कि आने वाले समय में भविष्य की संभावनाओं को भी दरम्यान लिया।
Putin के आगमन का संकेत
रूस के राष्ट्रपति के किर्गिस्तान आगमन की सूचना रूसी समाचार एजेंसियों TASS, इंटरफैक्स और RIA नोवोस्ती ने दी। यह त्वरित ध्यान दिलाता है कि पुतिन ने अपने ICC विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट के बावजूद अपने आगमन की घोषणा की, जिससे वह अपने संकेतों के साथ खड़ा होता है।
ICC का गिरफ्तारी वारंट का मामूल
मार्च में इंटरनेशनल क्राइम कोर्ट (ICC) द्वारा पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी की गई थी। इसमें उन्हें यूक्रेनी बच्चों के निर्वासन के आरोप में गिरफ्तार करने की धमकी दी गई थी। हालांकि किर्गिस्तान ICC का सदस्य नहीं है, और उनके पास पुतिन को गिरफ्तार करने के लिए कोई आधिकार नहीं है, लेकिन इस ICC के गिरफ्तारी वारंट ने पुतिन के लिए अच्छी तरह से खतरे की घड़ी बजा दी है।
राष्ट्रमंडल के शिखर सम्मेलन में भाग लेने का कार्यक्रम
Putin के किर्गिस्तान आगमन के दौरान, उनका किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सादिर जापारोव से मिलने और स्वतंत्र राज्यों के राष्ट्रमंडल के शिखर सम्मेलन में भाग लेने का कार्यक्रम है। शिखर सम्मेलन में रूसी सहयोगी, बेलारूसी नेता अलेक्जेंडर लुकाशेंको और अन्य क्षेत्रीय नेता भी भाग लेंगे। इसमें अर्मेनियाई प्रधानमंत्री निकोल पशिनियन का शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होने का फैसला है।
Putin की भविष्य की यात्रा की योजना
अनुसार एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन भविष्य में उत्तर कोरिया और चीन की यात्रा की योजना बना रहे हैं। यह योजना उनके विदेशी प्रमुख के रूप में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, जिससे उनके राजनीतिक प्रतिष्ठा को और भी मजबूती मिल सकती है।
आईसीसी गिरफ्तारी वारंट: विवाद और संभावित प्रभाव
आईसीसी गिरफ्तारी वारंट के मामूल में, मॉस्को ने इसे ‘अवैध’ बताया है और विदेश में रूसी राष्ट्रपति की संभावित गिरफ्तारी को युद्ध के कृत्य के बराबर करार दिया है। इसके बावजूद, व्यवहार में, रूस ने पुतिन की गिरफ्तारी से बचने के लिए सावधानी बरती है, और उन्होंने विदेश में अपने प्रतिनिधित्व को बढ़ाने के लिए उचित कदम उठाए हैं।