कितना Vegetarian है भारत…भारत में इतने लोग खाते हैं Non-Vegetarian, आंकड़े जान हो जाएंगे हैरान
भारतीय भोजन का सामरिक परिप्रेक्ष्य
क्या भारत उतना शाकाहारी है जितना लोग समझते हैं? वास्तव में, यह धारणा कि भारत में अधिकांश लोग Vegetarian हैं, पूरी तरह सही नहीं है. हमारे देश में विभिन्न भोजन परंपराएं हैं और इसमें विविधता है. यह बहुत सत्य है कि भारतीय भोजन में Vegetarian तत्वों का महत्व है, लेकिन इसमें मांसाहारी भी बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है.
आंकड़ों की दुनिया
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, 2019-21 में 57.3% पुरुष और 45.1% महिलाएं सप्ताह में कम से कम एक बार चिकन, मछली या अन्य प्रकार की नॉन वेजिटेरियन डिशेज का आनंद लेते हैं. यह आंकड़ा शहरी और गांवी इलाकों में अधिक है, जिससे साफ होता है कि भारत में लोगों की भोजन पसंद की रुचि विभिन्नता है.
कौन ज्यादा मांसाहारी
रिपोर्ट के अनुसार, ईसाई धर्म के अनुयायियों में मांसाहारी भोजन की आदत अधिक है. लगभग 80% ईसाई पुरुष और 78% ईसाई महिलाएं सप्ताह में कम से कम एक बार मांसाहारी भोजन का सेवन करते हैं. इसके खिलाफ, मुस्लिम समुदाय में यह आंकड़ा कम है, जिससे हम देख सकते हैं कि भारत में धर्म का भी बड़ा प्रभाव है.
देश में इतने मांसाहारी
भारत में मांसाहारी भोजन करने वालों की सबसे अधिक आबादी पूर्वी, दक्षिणी, और पश्चिमी भारत में पाई जाती है. गोवा, केरल, पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश, और आंध्र प्रदेश में 80% से अधिक पुरुष सप्ताह में कम से कम एक बार मछली, चिकन या अन्य तरह के मांस का सेवन करते हैं. महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, ओडिशा और तमिलनाडु में भी मांसाहारी भोजन का प्रचुरता है.
इन राज्यों में इतने प्रतिशत मांसाहारी
भारत मांस के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है. कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण के अनुसार, भारत से भैंस के मीट का निर्यात 71 देशों में होता है. इस निर्यात में भारत विभिन्न देशों के साथ व्यापारिक संबंध बनाए रखता है और इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी यह लाभ होता है.
इन देशों को भैंस का मीट निर्यात करता है भारत
वित्त वर्ष 2023 में 25,648 करोड़ रुपये का भैंस का मांस निर्यात किया गया, जो कि पिछले वित्त वर्ष 2012 में केवल 13,757 करोड़ रुपये था. इस वृद्धि में मुख्य योगदान दो देशों में हुआ, जिनमें मलेशिया और वियतनाम शामिल हैं. इससे साबित होता है कि भारत विश्व बाजार में अपनी पहचान बनाए रखता है और अपने उत्पादों को सफलता से बाजार में प्रस्तुत करता है.